ये इसी समाज के दृश्य है :
१. चार सरकारी कर्मचारी बेटों की माँ है वे , उम्र उन्हें उस पड़ाव पर ले आई है कि आँखों से दिखना लगभग बंद हो गया है और जिन लाडलों के लिए उन्होंने न जाने कितनी रोटियां बनाई होगी, वे ही सपूत ? उनकी दो वक्त की रोटी के लिए नंबर लगाते हैं - 'भैया एक महिना कल हो जायेगा माँ को मेरे पास , आप आओगे लेने या मैं ही छोड़ दूँ.' ये तो तब है जबकि उनके स्वर्गीय पति की पेंशन उनके मासिक खर्च से पांच गुना ज्यादा आती है और उसे वो ही बेटा लेता है जिसके पास वो उस महीने रहती है. पर हद तो तब हो गयी जब उनका ज्येष्ठ पुत्र एक दिन जब किसी अंतिम संस्कार में शामिल होकर आया तो माँ से कहा - " आप भी निबट जाओ जल्दी तो हम फ्री हो जाएँ !" अपनी व्यथा सुनते हुए उनका गला रुंध गया. और मुझे लगा , मेरा सिर फट जायेगा. इतना अपमान , इतनी अभद्रता और विडंबना देखिये कि इस रिटायर्ड पुत्र ने जीवन भर शिक्षा देने का ही काम किया है. सत्यानाश ! क्या शिक्षा इसने दी होगी और अपने इन नीच विचारों को कितने मनों में भर दिया होगा, सोच कर ही कलेजा मुहं को आता है. उनसे मिल कर लौटते समय ख़ुशी इतनी ही थी कि वे भी खुश हुयी थी मुझसे मिलकर और बार बार मिल जाने के लिए कह रही थी.
१. चार सरकारी कर्मचारी बेटों की माँ है वे , उम्र उन्हें उस पड़ाव पर ले आई है कि आँखों से दिखना लगभग बंद हो गया है और जिन लाडलों के लिए उन्होंने न जाने कितनी रोटियां बनाई होगी, वे ही सपूत ? उनकी दो वक्त की रोटी के लिए नंबर लगाते हैं - 'भैया एक महिना कल हो जायेगा माँ को मेरे पास , आप आओगे लेने या मैं ही छोड़ दूँ.' ये तो तब है जबकि उनके स्वर्गीय पति की पेंशन उनके मासिक खर्च से पांच गुना ज्यादा आती है और उसे वो ही बेटा लेता है जिसके पास वो उस महीने रहती है. पर हद तो तब हो गयी जब उनका ज्येष्ठ पुत्र एक दिन जब किसी अंतिम संस्कार में शामिल होकर आया तो माँ से कहा - " आप भी निबट जाओ जल्दी तो हम फ्री हो जाएँ !" अपनी व्यथा सुनते हुए उनका गला रुंध गया. और मुझे लगा , मेरा सिर फट जायेगा. इतना अपमान , इतनी अभद्रता और विडंबना देखिये कि इस रिटायर्ड पुत्र ने जीवन भर शिक्षा देने का ही काम किया है. सत्यानाश ! क्या शिक्षा इसने दी होगी और अपने इन नीच विचारों को कितने मनों में भर दिया होगा, सोच कर ही कलेजा मुहं को आता है. उनसे मिल कर लौटते समय ख़ुशी इतनी ही थी कि वे भी खुश हुयी थी मुझसे मिलकर और बार बार मिल जाने के लिए कह रही थी.